मन में पुलकित नव विचार हैं
क्षीण हो रहे सब विकार हैं
नव प्रेरणा का उदयघोष है
मन मद स्फुटित नव आक्रोष है
आशा अभिलाषा विसार है
आह्लादित होता रक्त संचार है
मन में दृढसंकल्प प्रगाढ़ है
तुच्छ प्रत्याक्ष सीमा विसार है
हरि कृपा से प्रेरित पोषित, सरल सिद्ध सब जटिल कार्य हैं
सरल सिद्ध सब जटिल कार्य हैं
No comments:
Post a Comment